UPSC में लेटरल एंट्री को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि UPSC के प्रमुख पदों पर RSS से जुड़े लोगों की भर्ती की गई है। इसका जवाब देते हुए सोमवार सुबह केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- लैटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस का पाखंड देश के सामने है।
वैष्णव ने X पर पोस्ट में लिखा- यह UPA सरकार ही थी, जिसने लेटरल एंट्री का कॉन्सेप्ट लाया। दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) 2005 में UPA सरकार में ही लाया गया था। इस आयोग की अध्यक्षता वीरप्पा मोइली ने की थी।
UPA सरकार के कार्यकाल की ARC ने सुझाव दिया था कि जिन पदों पर स्पेशल नॉलेज की जरूरत है, वहां विशेषज्ञों की नियुक्ति होनी चाहिए। NDA सरकार ने ARC की इस सिफारिश को लागू करने के लिए ट्रांसपेरेंट तरीका अपनाया है।
इसके बाद राहुल गांधी ने सोमवार को फिर से मामले को लेकर केंद्र सरकार पर भर्ती को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने X पर लिखा- लैटरल एंट्री दलित, OBC और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का यह विध्वंस कारी वर्जन संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।
UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए 𝟒𝟓 जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की नौकरियां निकाली। ये अब तक की सबसे बड़ी लेटरल भर्ती है। लेटरल भर्ती में कैंडिडेट्स बिना UPSC की परीक्षा दिए रिक्रूट किए जाते हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का भी फायदा नहीं मिलता है।
राहुल ने कहा था- SC-ST और OBC का हक छीना
UPSC में भर्तियों के नोटिफिकेशन के बाद 18 अगस्त को राहुल गांधी ने X पर लिखा था- नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है।